मणिपुर में पुलिस काफिले पर हमला! कुकी महिलाओं ने रास्ता रोका

Lee Chang (North East Expert)
Lee Chang (North East Expert)

2 अक्टूबर की रात, मणिपुर के चंदेल जिले के लोंगजा गांव में एक ऐसा वाकया हुआ जिसने फिर से पूरे राज्य को तनाव में डाल दिया। जानकारी के मुताबिक, पुलिस के काफिले पर भीड़ ने हमला कर दिया।

हमले में कई पुलिस वाहनों के शीशे टूट गए, जिसमें चंदेल जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) की गाड़ी भी शामिल है।

कुकी महिलाओं ने रास्ता रोका, पुलिस की एंट्री पर लगी ब्रेक

अधिकारियों ने बताया कि जब काफिला गांव में दाखिल होने की कोशिश कर रहा था, कुकी महिलाओं का एक समूह बीच सड़क पर खड़ा हो गया और वाहनों को आगे नहीं बढ़ने दिया। इसके तुरंत बाद, भीड़ ने हमला कर दिया और वाहनों को नुकसान पहुंचाया।

सामुदायिक तनाव की पृष्ठभूमि में घटना

यह घटना कुकी और मीतेई समुदाय के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव के बीच हुई है। कई कुकी संगठनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि वह मीतेई समुदाय के पक्ष में पक्षपात कर रही है।

मई 2023 से जारी इस संघर्ष में अब तक कम से कम 260 लोगों की मौत हो चुकी है और हज़ारों लोग विस्थापित हो गए हैं।

राष्ट्रपति शासन में मणिपुर, हालात फिर भी नाजुक

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है, लेकिन ज़मीनी हालात अब भी नाजुक और संवेदनशील हैं। स्थानीय प्रशासन ने घटना के बाद लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

वहीं, SIT द्वारा घटना की जांच जारी है और सुरक्षा बल मौके पर तैनात हैं।

हथियारों की बरामदगी के बीच हमला, क्या है बड़ा प्लॉट?

इस घटना से पहले ही सुरक्षा बलों ने हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटकों का बड़ा जखीरा बरामद किया था। ऐसे में ये सवाल उठता है — क्या इस पूरे घटनाक्रम के पीछे कोई संगठित साज़िश है?

क्या मणिपुर में स्थायी समाधान मुमकिन है?

बार-बार हो रही घटनाएं साफ संकेत देती हैं कि मणिपुर सिर्फ प्रशासनिक नहीं, सामुदायिक और राजनीतिक संकट से भी जूझ रहा है।

कुकी और मीतेई समुदायों के बीच पुल बनाने की बजाय दीवारें खड़ी हो रही हैं। अब वक्त है कि केंद्र और राज्य मिलकर कोई स्थायी समाधान तलाशें, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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